Demand of Shaheed Bhagat Singh

By on March 23, 2014

मध्यप्रदेश के राज्यपाल रामनरेश यादव ने स्वतंत्रता संग्राम के महान नायक शहीदे आजम भगत सिंह के शहीद दिवस पर श्रद्धांजलि अर्पित की। यादव ने कहा है कि इंकलाब जिंदाबाद का नारा बुलंद करने वाले शहीद भगत सिंह धर्म, जाति और सम्प्रदाय के नाम पर देश को बांटने के विरूद्ध थे। वह मानवीय एकता के साथ देश की आजादी को प्राप्त करने के पक्षधर थे। उनका मानना था कि देश की आजादी सिर्फ अपने बलबूते पर हासिल की जा सकती है।

 

उन्होंने कहा कि भगत सिंह और उनके क्रांतिकारी साथी सुखदेव और राजगुरू ने फांसी पर लटकाए जाने से पूर्व उस समय के वायसराय को एक पत्र लिखकर कहा था कि ब्रिटिश सरकार के सर्वोच्च अधिकारी वायसराय द्वारा स्थापित ट्रिब्यूनल ने सरकार के विरूद्ध युद्ध करने का आरोप लगाया है और फांसी का दंड दिया है। हमारी आपसे प्रार्थना है कि हमारे साथ युद्ध बंदियों जैसा व्यवहार करते हुए हमें फांसी देने के बजाए गोली से उड़ा दिया जाए। उल्लेखनीय है कि शहीदे आजम भगत सिंह को 23 मार्च1931 को लाहौर में फांसी पर लटका दिया गया था।

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