International Vs National Media

By on April 3, 2014

कठिन परिश्रम से किया गया अध्ययन ,त्याग से प्राप्त ज्ञान और चिंतन , सबका कल्याण और देशप्रेम की भावना, हमारी विद्वत्ता, आदि सब व्यर्थ हो जाता है और हम जिनके खिलाफ खड़े थे ….. कब हम उनके साथ हो जाते है …….पता ही नहीं चलता ……हमारे आदर्श और कुछ कर गुजरने की चाहत कब चाटुकारिता में बदल जाती है ……अपने अस्तित्व को बचाने के लिए पता ही नहीं चलता ……..सब मात्र इसलिए …….की हजारो साल की गुलाम मानसिकता ने इतना गहरा असर छोड़ा की हम दास बन कर ही सुरक्षित महसूस करते है और दास बन कर गर्व …..

 

 

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